क्यूँ ना कोई ऐसी बात करें ,हो जो बिलकुल सीधी सादी
पूरी बात समझ ना आयी ,तो आ जाये आधी-साधी ।
उम्मीद पूरी हो जाये जो रह गयी अबके अधूरी ,
आगे जो वक्त आये कर दे उम्मीदें पूरी ॥
ये सब बातें कर ..सकते हैं चलते-चलते यूँ ही ... ॥
मंगलवार, 11 जनवरी 2011
क्यूँ ना ...बात !!!
प्रस्तुतकर्ता कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹 पर 7:42 am
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