
थपकी दी पवन ने चाँद सो गया । झिलमिल सितारों की सुनहरी रात है,
दे गयी अपने मिलन की सौगात है । खुली पलकों से तेरे सपने देखती आँखें , तेरी लहराती जुल्फों के सपने देखती आँखें । जवां रात की अंगड़ाई में खिला योवन , चांदनी के जलाल में घुला-मिला योवन। छुपा लो इस कयामत को इस रात में , कहीं सब कुछ भूल न जावूँ जज्बात में । 'कमलेश' नहीं भूल पाता हूँ उस बात को , जो धीरे से कानो में कही थी उस रात को ॥
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